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Friday, May 08, 2009

अपराध और राजनीति

अपराध और राजनीति कुछ इस तरह से आपस मे घुलमिल कर समानार्थी हो गए हैँ कि यह कहना मुश्किल हो गया है कि अपराध का राजनैतिक करण हो रहा है अथवा राजनीति का अपराधीकरण ? वास्तविकता यह है कि , एक अपराधी देश के कानून के शिकंजे से राजनीति की शरण ले कर बच जा रहा है और सत्ता व धनलोलुप ब्यक्ति , अपनी महत्वाकाक्षाँओ को , अपराधी बन अथवा अपराधीयोँ के सहारे , राजनीति की सीढी चढ , पूर्ण कर ले रहा है .आज के परिदृश्य मे यह आम धारणा हो गयी है कि ,एक अपराधी राजनैतिक प्रश्रय के कारण , नियम कानून की परवाह नही करता और एक राजनेता को नियम कानून की परवाह की जरूरत नही होती . दोनो ही, नियम – कनून की परिधि से परे हैँ .दोनो का अंतिम लक्ष्य येन केन प्रकारेण , अपने लिये और अपनो के लिये , धनार्जन करना है

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